गौतमबुद्धनगर जिले के नोएडा शहर में ट्रैफिक नियमों को धता बताकर सड़क पर चलने वालों के लिए पुलिस अत्याधुनिक तकनीक लेकर आई है। देश का पहला रडार आधारित ऑटोमैटिक ट्रैफिक डिटेक्टर नोएडा में लगाया गया है। यह उपकरण खंभानुमा है और रात में भी 100 फीसदी वाहनों की नंबर प्लेट पढ़ सकता है।
एसपी (ट्रैफिक) अनिल कुमार झा ने बताया कि यह तकनीक अभी दुबई और कुछ यूरोपीय देशों में ही काम कर रही है। भारत में पहली बार नोएडा से शुरुआत हुई है। फ्रांस की एक कंपनी ने यह उपकरण ट्रायल के लिए लगाया है। रडार डिटेक्टर महामाया फ्लाईओवर से आगे चलकर दलित प्रेरणा स्थल के पास लगाया गया है।
एसपी ने बताया कि रडार ने 20 मई को काम करना शुरू किया था। सात दिनों में 1200 वाहनों को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ चुका है। इन चालकों का डाटा ट्रैफिक पुलिस को ऑनलाइन मिल रहा है। सभी के पतों पर चालान भेजे जाएंगे। एसपी का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर इंफ्रारेड कैमरे लगे हैं। वे कैमरे रात में 30-35 फीसदी वाहनों की नंबर प्लेट पढ़ पाते हैं। यह रडार रात में भी 100 फीसदी वाहनों की नंबर प्लेट पढ़ने में सक्षम है। तकनीक अत्याधुनिक है, इस कारण महंगी है। अगर इस उपकरण का ट्रायल सफल रहा तो नोएडा के प्रमुख मार्गों, एक्सप्रेस वे और एलीवेटिड रोड पर इन्हें लगाने के लिए विकास प्राधिकरण और सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
पांच तरह के उल्लंघन पकड़ रहा
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि यह रडार डिटेक्टर पांच तरह के यातायात उल्लंघनों को पकड़ रहा है। ओवरस्पीड से चलने वाले, ओवरटेकिंग करने वाले, दुपहिया वाहनों पर तीन सवारी, हेलमेट नहीं लगाने वाले वाहन चालक और लापरवाही से वाहन चलाने वालों को पकड़ रहा है। यह उपकरण करीब 500 मीटर की दूरी तक नजर रखता है।
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